Friday, February 1, 2019

अथ श्री अध्याय 19 : लडाई कठिन है, मगर जीत निश्चित है


अथ श्री अध्याय 19

लडाई कठिन है, मगर जीत निश्चित है

--- कौरव सेना का ठग-बंधन उस शासन को दूर करने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपना रहा है जिस शासन ने पीछले पांच वर्ष में भारतवर्ष कि आत्मा को जगा दिया है। इस आत्मा को जाग्रत रखने के लिए विदेशी-विधर्मी ताकतों को पहचानना होगा, उसे परास्त करना होगा


--- अलकेश पटेल



महाभारत का युद्ध सिर्फ कुरुक्षेत्र में लडा गया था, लेकिन अगले तीन महिने में जो युद्ध होने वाला है उसकी रणभूमि जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक, और कच्छ-भुज से अरुणाचल तक होगी। महाभारत में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को 18 अध्याय में भगवद् गीता का ज्ञान दे कर उसे धर्मयुद्ध के लिए सज्ज किया था, लेकिन हजारों साल बाद आज 19वां अध्याय लिखने कि आवश्यकता पैदा हुई है। उसका स्पष्ट कारण यह है कि, महाभारत काल में जो दुश्मन थे उसमें परिवार के सदस्य थे, गुरु थे, कुछ मित्र भी थे। पर आज की महाभारत में परिवार के सदस्य, गुरु, कुछ मित्रों के अलावा विदेशी विधर्मी ताकतें भी जूडी हुई है। 2019 के इस 19वें अध्याय में उन्हीं विदेशी विधर्मी ताकतों को पहचानना जरुरी है जिससे इस महान देश को खतरा है।

वैसे मैं जानता हूं कि करोडों की संख्या में राष्ट्रवादी लोग भारतवर्ष को बचाने के लिए मोदी जी और बीजेपी को जीताना चाहते है, उतना ही नहीं उस दिशा में सब अपने अपने तरीके से काम भी कर रहे है। फिर भी, विधर्मी ताकतें बहुत ही ज्यादा सक्रिय है मोदी जी को हराने के लिए, क्योंकि यह विदेशी विधर्मी ताकतें अच्छी तरह जानती है कि राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री के रहते हुए विधर्मीओं का ऐजन्डा चलाना मुश्किल है। इसीलिये इस 19वें अध्याय को ठीक से पढकर, समझकर, फैलाकर सभी राष्ट्रवादीओं को जाग्रत रखना आवश्यक है।

ठगबंधन द्वारा लगभग सभी मामलों में गलत बातें फैलाई जाएंगी। यह लोग जूठ को इतना जोर से बोलेंगे कि कभी कभी राष्ट्रवादी जनता भी भ्रमित हो जाएगी।

आज का ही उदाहरण ले लो। कल यानी 31 जनवरी, 2019 को एक बिझनेस अखबार ने देश में बेरोजगारी के आंकडे प्रकाशित किए और दावा किया गया कि इसका आधार रोजगार मंत्रालय कि रिपोर्ट है। उस कथित रिपोर्ट को आज (01-02-19 को) गुजराती सहित कईं प्रादेशिक भाषा के अखबारों ने हेडलाइन बनाई है। लेकिन सच बात यह है कि अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट जारी हुई नहीं है। कल (31-1-19) को यह गलत समाचार छपने के बाद पूरे देश के मीडिया का एक वर्ग जो हमेशा एक-तरफा रहा है उसमें यह कथित रिपोर्ट की चर्चा चलती रही, और जैसे मैंने कहा, लाखों राष्ट्रवादी भी भ्रमित हो गए।

कल ही दूसरी भी एक ऐसी ही गलत खबर दिनभर चलती रही कि एक युवक को एयरपोर्ट के इमिग्रेशन विभाग में पूछा गया कि उसे हिन्दी आती है या नहीं? और उस युवक के मना करने पर उसे विदेश जाने नहीं दिया गया। इतनी घटिया गलत खबर फैलाने वाला एक विधर्मी था यह बात मत भूलना। लेकिन एक-तरफा बायस मीडिया ने उसे सही मान लिया और दिनभर मोदी सरकार कि आलोचना करते रहे।

अब से लेकर चुनाव के परिणाम आने तक बहुत ही गंदा, कुत्सित, बिभत्स जूठ फैलाने कि बारबार कोशिष होती रहेगी ठग-बंधन द्वारा, लेकिन देश को सावधान रहना होगा। - अलकेश पटेल (01-02-19)

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