Wednesday, September 5, 2018

अगर इतना करेगें तो सभी सामाजिक समस्या का समाधान मिल जाएगा


अथ श्री अध्याय 19
अगर इतना करेगें तो सभी सामाजिक समस्या का समाधान मिल जाएगा

--- पीछले साढे चार साल से यह देश सभी तरह की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं से झुझ रहा है, अगर मेरा बताया सुजाव स्वीकार करोगे तो सभी समस्याओं का समाधान अवश्य मिल जाएगा

--- अलकेश पटेल

मैं आज यहां जो समाधान बताने जा रहा हुं उसे जरा सा भी हल्के में मत लिजिए. दर असल देश स्वतंत्र हुआ तब से कुछ ऐसी सामाजिक समस्याओं का सामना कर रहा है, जो अब हमें ओर ज्यादा परेशान कर रही है, खास करके पीछले साढे चार साल से तो ऐसा ही लगता है मानों यह देश में सब कुछ बरबाद हो जाएगा. चाहे वह अनामत कि बात हो, चाहे SC/ST एक्ट कि बात हो, चाहे सवर्ण समुदायों के गरीबों कि बात हो या फिर किसानो कि बात हो, इन सबका समाधान कुछ ही दिन में मिल सकता है. मैं पूरे देश को दावे के साथ कह सकता हुं कि इन सभी समस्याओं का समाधान कुछ ही दिन में आ जाएगा अगर सभी देशवासी मेरे बताये रास्ते के बारे में गंभीरता से न सिर्भ विचार करें लेकिन उस पर अमल करें. वह रास्ता यह है कि, देश के सभी राज्य में, सभी शहर और गांवों में जितने भी युवा है, महिलाएं है, किसान है, एससी-एसटी व ओबीसी के सदस्य है और सवर्ण समुदायों के सदस्य हैं – उन सबको अपने अपने क्षेत्र, अपने अपने गांव, अपने अपने शहर और अपने अपने राज्य – जहां कहीं भी कांग्रेस पार्टी और लेफ्ट पार्टीयों के मुख्यालय है उनके बाहर जाकर धरणा देना होगा.

मेरे साथी देशवासीओं, मैं पूरी गंभीरता के साथ यह सुजाव दे रहा हुं. आपमें से ज्यादातर लोग, आपमें से कम से कम 90 प्रतिशत लोग यह बात अच्छी तरह जानते है कि आज हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे है उसके मूल जनक कांग्रेस पार्टी और लेफ्ट पार्टीयां है. लेकिन उस से विपरित पीछले साढे चार साल से इन सभी समस्याओं को लेकर देश में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि यह सब कुछ मई 2018 के बाद पैदा हुआ और अगर मई 2019 में शासन में परिवर्तन होने के साथ सब कुछ सही हो जाएगा !

मेरी सोच यह है कि हमें मई 2019 तक इंतजार करने कि कोई जरूरत नहीं है. इन समस्याओं के जो जनक है – कांग्रेस पार्टी और लेफ्ट पार्टीयां – वह हमारे सामने ही है, हमारे आसपास ही है, तो क्यों न हम इन पार्टीयों के दफ्तरों के सामने धरणा दे कर उनको ही समाधान लाने के लिए बाध्य न करें?

साथी देशवासीओं, मेरा यह मौलिक विचार है और अगर आप सभी लोग इस पर थोडा सा गहराई से विचार करेंगे तो मुझे लगता है हम कुछ दिनों में या कुछ महिनों में ही इन सबसे बाहर आ कर अमेरिका, ब्रिटन, जापान, चीन, स्विट्झरलेंड जैसे देशों कि तरह प्रगति कि राह पर दौड सकेंगे.


            (यह तसवीर सिर्फ प्रतीकात्मक है)

अब मैं मेरा यह विचार आपको थोडा विस्तार से समजाता हुं, ताकि पूरी बात स्पष्ट हो जाय.

जैसे मैने कहा कि यह सभी समस्याएं चार-पांच साल में तो पैदा हुई नहीं. सभी समस्याओं की जडें 30 साल से लेकर 70 साल में फैली हुई है. उस वक्त कांग्रेस पार्टी और उसके साथ लेफ्ट पार्टीयां सत्ता में थीं. तो सीधा सा तर्क यह है कि इन समस्याओं को पैदा करने वाले कांग्रेस और लेफ्ट के नेता है. इस हालात में देश के किसी भी आम आदमी के लिए यह समझना मुश्किल नहीं होना चाहिए कि समस्या पैदा करनेवालों के पास ही समस्या का समाधान होगा, और होना ही चाहिए.

अगर पूरे देश में सभी युवा, सभी किसान, सभी समुदाय के लोग कांग्रेस और लेफ्ट पार्टीयों के दफ्तर पर महात्मा गांधी के बताए रास्ते चलकर धरणा देंगे तो समस्याएं पैदा करने वाली इन पार्टीयों पर दबाव आएगा, और फिर वह लोग सरकार के पास जा कर समाधान मागेंगे. सरकार पर दवाब आएगा तो सरकार को भी सभी राजकीय पार्टीयों के साथ बात करनी पडेगी. समाधान के लिए सरकार देश के राष्ट्रवादी बुद्धिजिवीओं को भी बातचीत के लिए बुलाएगी.

इस प्रक्रिया से एक तरह से फिर से समुद्र मंथन जैसे हालात होंगे, जिसमें से समाधान का अमृत अवश्य नीकलेगा. साथीओं, यह कोई कोरी कल्पना या सबको भटकाने कि बात नहीं है, मेरा विश्वास करो यह रास्ता ही एकदम सटीक है. हां, इसमें हम सबको इतना जरूर याद रखना होगा कि कहीं पर भी हिंसा न हों, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टीयों ने गलतियां कि है उसका मतलब यह नहीं है कि हम में से कोई भी उनके साथ बुरा व्यवहार करें...नहीं कतई नहीं. सिर्फ और सिर्फ उनके दफ्तरों के बहार शांतिपूर्ण धरणा दे कर उनको ही उनके द्वारा खडी की गई समस्याओं का समाधन ढूंढने के लिए बाध्य करना है. जय हिंद। - अलकेश पटेल

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