Wednesday, April 24, 2019

मेरे प्यारे बेगुसराई वासीओं...


अथ श्री अध्याय 19
मेरे प्यारे बेगुसराई वासीओं...

--- अगली 29 तारीख को, यानी आने वाले सोमवार को आप अपना लोकसभा का प्रतिनिधि चूनने जा रहे हैं...उस वक्त इतना ख्याल रखना कि -

--- अलकेश पटेल
 - कि आपका वोट, आपका अमूल्य मत बेकार चला न जाए।

प्यारे बेगुसराई वासीओं, वैसे मैं जानता हुं कि आप बहुत ही समजदार है और मतदान करते वक्त कभी ऐसा निर्णय नहीं लेंगे जिससे देश के टुकडे करनेवाली सोच को बढावा मिले।

आपने 2014 के चुनाव में भी समजदारी भरा निर्णय ही लिया है, लेकिन इस बार आपसे मतदान से पहले बात करना जरूरी लग रहा क्योंकि इस बार का वामपंथी उम्मीदवार कन्हैया देशद्रोह का आरोपी है, उस पर केस चल रहा है, लेकिन वामपंथी हमेशा जूठे होते है, इसलिए कन्हैयाने वहां किसी को यह बताया नहीं होगा। और वामपंथीओं कि गुलामी करने वाले मीडिया वालों ने भी आप लोगों से इस बात को छूपाया होगा कि कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का केस चल रहा है। (यह रहे उस बात के प्रमाणः 

यह तो हुई तथ्यों की बात। अब जरा तर्क की बात भी कर लेते है।

मैं खास करके बेगुसराई की युवा पीढी से बात करना चाहता हुं। यह जो वामपंथी कन्हैया कुमार आपके यहां उम्मीदवारी कर रहा है, वह आपको युवा नेता के नाम से बहका सकता है और आपको गलत निर्णय लेने के लिए उक्सा सकता है।

लेकिन इसकी पहली हकीकत यह है कि, यह कन्हैया गत वर्ष तक देश के करदाताओं के पैसे से दिल्ही की जवाहरलाल युनिवर्सिटी (जे एन यु) में मुफ्त में पढ रहा था। दरअसल वो पढाई के नाम पर जे एन यु जैसी शिक्षा संस्था का वातावरण देश विरोधी करने में लगा था, और हम सब की बदनसीबी के कारण उस काम में उसे थोडी सफलता मिली भी है।

पर अब यह सब नहीं चलने देना चाहिए। ऐसे लोगों को चुनाव में बुरी तरह हरा कर उनका स्थान दिखा देना चाहिए। यह वामपंथी सिर्फ इसलिए चुनाव लड रहा है कि उसके कारण वह पुलिस और न्यायतंत्र पर दबाव बनाके अपने खिलाफ चल रहे देशद्रोह के केसों को रफादफा करवा सके। क्या बेगुसराई के मतदाता कन्हैया के इस मलिन इरादे को सफल होने देंगे? मुझे विश्वास है, ऐसा कभी नहीं होगा।

अब मैं आप सबको वामपंथी विचारधारा क्या है और क्यों मानवजात के लिए यह विचारधारा सबसे बडा खतरा है वह थोडे से शब्दों में बताना चाहता हुं।

वामपंथ वो विचारधारा है जो हिन्दु धर्म से और भारतीय संस्कृतिने बेहद नफरत करती है। यह लोग बाहरी तौर पर ऐसा कहते है कि वह धर्म कि राजनीति करना नहीं चाहते और सिर्फ गरीबों कि उन्हें चिंता है... लेकिन सच बात यह है कि ये सब दिखावा है, छलावा है। यह वामपंथी सिर्फ हिन्दुत्व से – हमारी सनातन संस्कृति से ही नफरत करते है, इस्लाम और इसाईओं के साथ इन वामपंथीओं का बडा याराना है। इसका कारण यह है कि यह लोग दूसरे किसी भी धर्म के खिलाफ बोलेंगे तो ठोक दिए जाएंगे यह बात उनको मालुम है, लेकिन हिन्दुत्व के खिलाफ बोलने में इन्हें कोई खतरा नहीं, क्योंकि हिन्दु हिंसा में विश्वास नहीं करते।

कन्हैया जैसे वामपंथी लोग विदेशी इतिहास और विदेशी संस्कृति को ही सही मानते है और भारत के लोगों पर भी वह विदेशी इतिहास और संस्कृति लादना चाहते है।

कन्हैया जिस पार्टी का सदस्य है वही लोग है जो झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र के कुछ इलाके, ओडिशा के कुछ इलाके में नक्सलवादी हिंसा का समर्थन करते है। नक्सलवादीओं के हाथों जब हमारी सेन, सीआरपीएफ और पुलिस के जवान शहीद होते है तो यही कन्हैया जैसे लोग जश्न मनाते है।

यह लोग भारत के ज्यादातर शहरों में हिन्दी, संस्कृत और राज्यों कि स्थानिक भाषाओं का विरोध करके अंग्रेजी लादते है जिसके कारण हमारी मूल भाषाओं कि पाठशालाएं बंद हो रही है और अंग्रेजी पाठशालाएं खूल रही है। इसके पीछे कन्हैया जैसे वामपंथीओं का ही हाथ है। अंग्रेजी शिक्षण के कारण भारत के बच्चे भारत की मूल संस्कृति, भारत के मूल धर्म के बारे में पढने से वंचित रहते है और धीरे धीरे वामपंथीओं के गुलाम हो जाते है।

मैं पूरे बेगुसराई वासीओं और खास करके युवाओं को बिनती करता हुं कि, कन्हैया और उसकी पार्टी के लोग सभा करने आए तो उनको कुछ सवाल पूछना, कि (1) व्लादिमीर लेनिन, जोसेफ स्टालिन और माओ कि असलियत क्या है? (2) इन तीनों वामपंथीओंने कितने करोड मानवों की हत्या कि है? (3) दुनिया के कौन से देश में वामपंथी विचारधारा हिंसा के बगैर सफल हुई है? और (4) इन वामपंथीओं को पूछना कि पश्चिम बंगाल में आप लोगों कि गठबंधन सरकार 30 साल तक शासन करतीं थी, तो आज भी पश्चिम बंगाल में गरीबी, बेकारी, भूखमरी और शिक्षा का स्तर इतना नीचा क्यों है?

साथीओं, मैं आपको विश्वास के साथ कहता हुं कि कन्हैया और उसके समर्थक या फिर उसको सपोर्ट करने वाले मीडिया वाले इन चार प्रश्नों का जवाब नहीं दे पाएंगे और शायद भाग जाएंगे।

इन वामपंथीओं के बारे में मैं बहोत कुछ लिख सकता हुं और सबके प्रमाण दे सकता हुं, लेकिन अब चुनाव नजदीक आ गया है तो आप सबको और खास करके युवा पीढी को सावधान करना चाहता हुं।

आप सब के लिए राष्ट्र का हित सर्वप्रथम होना चाहिए।

यह राष्ट्र है जो हम सब का पालन करता है। इस राष्ट्र के कारण ही हमारी पहचान है।

हमारे सुरक्षा बल राष्ट्र कि रक्षा के लिए लडते है, और यह कन्हैया जैसे वामपंथी हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ जेहादी आतंकीओं और नक्सलवादीओं का समर्थन करते है।

वामपंथी जेहादी आतंकिओं से कम खतरनाक नहीं है। फर्स सिर्फ इतना है कि जेहादी को पहचाना जा सकता है, लेकिन यह वामपंथी हमारे बीच आ कर चुनाव प्रचार करते है तभी ज्यादातर लोग उन्हें और उनकी हिंसक मानसिकता को नहीं पहचान सकते। सावधान !

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